अश्क़ भी - The Indic Lyrics Database

अश्क़ भी

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2006

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अश्क़ भी मुस्कराए तुम
जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी
जर्द थे पेड़ों के साये
बेजान थी बिन तेरे ज़िन्दगी
अश्क़ भी मुस्कराए तुम
जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी
जर्द थे पेड़ों के साये
बेजान थी बिन तेरे ज़िन्दगी
अब सदा तेरी हाँ यह
मेरा वह ख्वाब है
फिर भी दिल क्यों ना जाने
बेचैन हैं बेताब हैं
बेचैन हैं बेताब हैं

मैंने यह सोचा न था
जो भी हुआ रंग लाये
ऐसा कभी भी हो पायेगा
तू रूबरू लहरायेगी
ले आँखों में मेरे
दीवानगी आबाद है
फिर भी दिल क्यों तुम्हारा
बेचैन है बेताब है
बेचैन है बेताब है

फूलों पे शबनम थमी
यह किसके इंतज़ार में
कह रही हमें यूँ ही
जीते रहे खुमार में
अब सदा जो देख तेरी हाँ
यह मेरा वह ख्वाब है
फिर भी दिल क्यों ना जाने
बेचैन हैं बेताब हैं
बेचैन हैं बेताब हैं
अश्क़ भी मुस्कराए तुम
जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी.