मुहब्बत में ऐसे क़दम डगमगाये - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत में ऐसे क़दम डगमगाये

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - अनारकली | वर्ष - 1953

View in Roman

मेरि तक़दीर मुझे आज कहाँ लायी है
शीशा शीशा जहाँ मेरा ही तमाशाई है
मुझे इल्ज़ाम न देना मेरी बेहोशी काऽऽआ
मुझे इल्ज़ाम न देना मेरी बेहोशी का
मेरी मजबूर मुहब्बत की ये रुसवाई है
मुहब्बत में ऐसे क़दम डगमगाये
ज़माना ये समझा के हम पीके आये
पीके आये
मुहब्बत में ऐसे क़दम डगमगाये
ज़माना ये समझा के हम पीके आये
पीके आये
जिसे काम हो रात दिन आँसूओं से
जिसे काम हो रात दिन आँसूओं से
उसे हुक़्म ये है हंसे और हंसाये
उसे हुक़्म ये है हंसे और हंसाये
ज़माना ये समझा के हम पीके आये
पीके आये
छुपोगे कहाँ तक नज़र तो मिलाओ
नज़र तो मिलाओ, नज़र तो मिलाओ
छुपोगे कहाँ तक नज़र तो मिलाओ
तुम्हारी बला से मेरी जान जाये
तुम्हारी बला से मेरी जान जाये
ज़माना ये समझा के हम पीके आये
पीके आये
किसी की मुहब्बत में मजबूर होकर
किसी की मुहब्बत में मजबूर होकर
हम उन तक तो पहुँचे, वो हम तक न आये
हम उन तक तो पहुँचे, वो हम तक न आये
ज़माना ये समझा के हम पीके आये
पीके आये
वो जिनके लिये ज़िंदगानी लुटा दीऽऽईऽऽई
वो जिनके लिये ज़िंदगानी लुटा दी
ये बैठे हुए हैं मेरा दिल चुराये
ये बैठे हुए हैं मेरा दिल चुराये
ज़माना ये समझा के हम पीके आये
पीके आये
मुहब्बत में ऐसे क़दम डगमगाये
ज़माना ये समझा के हम पीके आये
पीके आये