आई हैं बहारन माइट ज़ुल्म ओ सीताम - The Indic Lyrics Database

आई हैं बहारन माइट ज़ुल्म ओ सीताम

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - राम और श्याम | वर्ष - 1967

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(रफ़ी: आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म-ओ-सितम
प्यार का ज़माना आया दूर हुए ग़म
राम की लिला रंग लाई
कोरस: अ-हा हा
रफ़ी: शाम ने बंसी बजाई
कोरस: अ-हा हा-हा ) -२रफ़ी: चमका है इनसाफ़ का सूरज फैला है उजाला
कोरस: उजाला,
चमका है इनसाफ़ का सूरज फैला है उजाला
रफ़ी: नई उमंगें संग लायेगा हर दिन आनेवाला
कोरस: आनेवाला,
नई उमंगें संग लायेगा हर दिन आनेवाला
रफ़ी: हो हो
मुन्ना गीत सुनायेगा
टुन्ना ढोल बजायेगा
कोरस: मुन्ना गीत सुनायेगा, टुन्न ढोल बजायेगा
रफ़ी: संग-संग मेरी छोटी मुन्नी नाचेगी छम-छमरफ़ी + कोरस:
आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म-ओ-सितम
प्यार का ज़माना आय दूर हुए ग़म
राम की लीला रंग लाई
कोरस: अ-हा हा
रफ़ी: शाम ने बंसी बजाई
कोरस: अ-हा हा-हारफ़ी: अब न होंगे मजबूरी के इस घर में अफ़साने
कोरस: अब ना होंगे मजबूरी के इस घर में अफ़साने
रफ़ी: प्यार के रंग में रंग जायेंगे सब अपने बेगाने
कोरस: प्यार के रंग में रंग जायेंगे सब अपने बेगाने
रफ़ी: हो हो हो
सब के दिन फिर जायेंगे
मंज़िल अपनी पायेंगे
जीवन के तराने मिलके गायेंगे हरदम
रफ़ी + कोरस + #मले# कोरस:
हो
आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म-ओ-सितम
प्यार का ज़माना आय दूर हुए ग़म
रफ़ी + #मले# कोरस:
राम की लीला रंग लाई
कोरस: अ-हा हा
रफ़ी + #मले# कोरस:
शाम ने बंसी बजाई
कोरस: अ-हा हा-हारफ़ी + कोरस + #म# कोरस:
आ-आ
आ-आ