धड़के मेरा दिल मुझको जवानी राम क़सम न भाये - The Indic Lyrics Database

धड़के मेरा दिल मुझको जवानी राम क़सम न भाये

गीतकार - शकील | गायक - शमशाद, सहगान | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बाबुल | वर्ष - 1950

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धड़के मेरा दिल मुझको जवानी राम क़सम न भाये
बचपन याद आये
को: हो बचपन याद आये )-2

श: हो ओ ओ
को: हो ओ ओ
श: रुम-झुम आई है आई है
श: हो ओ
को: रुम-झुम आई है आई है
श: हो ओ
सावन की रुत अलबेली
को: सावन की रुत अलबेली
श: बादल गरजे बिजली चमके
को: बादल गरजे बिजली चमके
श: कैसे रहूँ मैं अकेली
को: कैसे रहूँ मैं अकेली
श: हो कैसे रहूँ मैं अकेली
कौन सुने बालम बिन दिल की बात कही न जाये
बचपन याद आये
को: हो बचपन याद आये

श: हो ओ
को: ओ ओ
श: एक तो ठण्डी पवन चले, पवन चले
हो ओ ओ ओ
को: एक तो ठण्डी पवन चले, पवन चले
श: हो ओ
और दिल खाये हिचकोले
को: और दिल खाये हिचकोले
श: दूजे मुण्डेरे कागा बोले
को: दूजे मुण्डेरे कागा बोले
श: सुन के मेरा मन डोले
को: सुन के मेरा मन डोले
श: हो सुन के मेरा मन डोले
बल-बल जाऊउँ कागा पर जो पी का सन्देसा लाये
बचपन याद आये
को: हो बचपन याद आये

श: धड़के मेरा दिल मुझको जवानी राम क़सम न भाये
बचपन याद आये
को: हो बचपन याद आये$