इक बार तू बन जा मेरा ओ परदेसी - The Indic Lyrics Database

इक बार तू बन जा मेरा ओ परदेसी

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - शमशाद | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - शबनम | वर्ष - 1949

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पा: इन्सान क्या

पा: इन्सान क्या

इन्सान क्या जो ठोकरें नसीब की न सह सके

इन्सान क्या

इन्सान क्या

इन्सान क्या जो गर्दिशों के बीच ख़ुश न रह सके

इन्सान क्या

इन्सान क्या जो ठोकरें नसीब की न सह सके

इन्सान क्या

अनि: मैं किश्ती क्यूँ न छोड़ दूँ बलाओं के मुक़ाबिले

तुफ़ानों के मुक़ाबिले

वो किश्ती क्या

वो किश्ती क्या जो आँधियों के साये में न रह सके

इन्सान क्या

दोनों: इन्सान क्या जो ठोकरें नसीब की न सह सके

इन्सान क्या

पा: बच बच के चलने वाले की है ज़िन्दगी क्या ज़िन्दगी

दोनों: है ज़िन्दगी क्या ज़िन्दगी

पा: दरियाएज़िन्दगी में जो न मौज बन के बह सके

दोनों: न मौज बन के बह सके4

दरियाएज़िन्दगी में जो न मौज बन के बह सके

इन्सान क्या

इन्सान क्या जो ठोकरें नसीब की न सह सके

इन्सान क्या