डाल दी मैंने जल-थल में नैया - The Indic Lyrics Database

डाल दी मैंने जल-थल में नैया

गीतकार - कैफ भोपाली | गायक - मुबारक बेगम, रफ़ी, सहगान | संगीत - जमाल सेन | फ़िल्म - दायरा | वर्ष - 1953

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डाल दी मैंने जल-थल में नैया
जागना हो तो जागो खिवैया

देवता तुम हो मेरा सहारा
मैंने थामा है दामन तुम्हारा

देवता तुम हो ...

थाम लो अपनी राधा को भगवन
रुक न जाये कहीं दिल की धड़कन
ये न कहने लगे कोई बिरहन
मुँह छुपाकर साँवरिया ने मारा-2
देवता तुम हो मेरा सहारा ...

मेरे नैनों को तुम ऐसे भाये
दो घड़ी मुझको निंदिया न आये
मेरी आँखों से आँखें लड़ाये
डूबता है सवेरे का तारा-2
देवता तुम हो मेरा सहारा ...

देवता तुम हो मेरा सहारा
मैंने थामा है दामन तुम्हारा

(रूठकर मुस्कुराते हो जब तुम
हँसके बंसी बजाते हो जब तुम)-2

झूमकर गुनगुनाते हो जब तुम-2
मुबारक, रफ़ी:
गुनगुनाता है संसार सारा
देवता तुम हो मेरा सहारा ...

(मेरे आकाश पर छा गये तुम
आप ही सामने आ गये तुम)-2

मैंने देखा तो शरमा गये तुम-2
मुबारक, रफ़ी:
कौन जीता कहो कौन हारा
देवता तुम हो मेरा सहारा ...

रैन भारी है गहरा अँधेरा
हाथ ले लो तुम हाथों में मेरा
रैन भारी है

(सो गये मन्दिरों के पुजारी
गूँजती है मुरलिया तुम्हारी)-2
आत्मा झूमती है हमारी

दिल खिंचा जा रहा है हमारा-2
रफ़ी,
देवता तुम हो मेरा सहारा ...

छोड़कर मैं न भगवन को जाऊँ
रात भर यूँ ही जागूँ जगाऊँ
गीत गा-गा के रोऊँ रुलाऊँ
ये वचन लूँ कि मैं हूँ तुम्हारा-2

मैं हूँ तुम्हारा ...$