भटके हुए मुसाफिर वो पास नहीं मजबूर है दिल - The Indic Lyrics Database

भटके हुए मुसाफिर वो पास नहीं मजबूर है दिल

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - नौबहार | वर्ष - 1952

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भटके हुए मुसाफ़िर मन्ज़िल को ढूँढते हैं
दिल खो गया हमारा हम दिल को धूँढते हैंवो पास नहीं मजबूर है दिल,हम आस लगाये बैठे हैं
उम्मीद भरे अर्मानों का तूफ़ान चुपाये बैठे हैन
जाओ के वोही बेदर्द हो तुम,वादों का जिन्हे कुच पाक(?)नहीं
हम हैं के तुम्हारे वादों पर दुनिया को भुलाये बैठे हैं
वो पास नहीं...बरबाद है दिल उजड़ा है चमन,बेरंग हुई फूलों की खबन
बेकार उलझते कातों से दामन को बचाये बैठे हैं
वो पास नहीं...