हो तुझपे सलाम - The Indic Lyrics Database

हो तुझपे सलाम

गीतकार - मुंशी दिलो | गायक - जोहरा बाई, जी एम दुर्रानी | संगीत - लाल मोहम्मद | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1946

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इक तीर जिगर पे खा कर हम

इक तीर जिगर पे खा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

सीने में आग लगा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

नज़रों की भी टक्कर हो गई

लड़ती भी गईं शरमा भी गईं

पर दिल से दिल टकरा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

इक तीर जिगर पे खा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

जब याद किसी की आती है

आँखों से आँसू गिरते हैं

दिल में तूफ़ान उठा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

इक तीर जिगर पे खा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

हैं फूल और काँटे दोनों ही

उलफ़त की रंगीली राहों में

उलफ़त में पाँव बढ़ा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

इक तीर जिगर पे खा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे

सीने में आग लगा कर हम

न इधर के रहे न उधर के रहे