हाय सोनिये ओ तू रात खड़ी थी छत पे - The Indic Lyrics Database

हाय सोनिये ओ तू रात खड़ी थी छत पे

गीतकार - शेवन रिज़वी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - हमसाया | वर्ष - 1968

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हाय सोनिये हिरिये-हीरिये हाय रे हाय
वे सोनिया ोे सोनिया होइ
राजहिया राजहिया राजहिया
ोे शाबा ोे शाबा
नई कुड़िये पहाड़ दिए

ोे शाबा ोे शाबा वे
मुड़िया शहर दिया

ो तू रात कड़ी थी छत पे नई
मै समझा के चाँद निकला
ो तू रात कड़ी थी छत पे नई
मै समझा के चाँद निकला
बुरा हो तेरा तुझे देख के

कोठे से मेरा पैर फिसला
बुरा हो तेरा तुझे देख के
कोठे से मेरा पैर फिसला

कट जाए ना मेरी ज़िन्दगी
कट जाए ना मेरी ज़िन्दगी
होइ तेरी कल परसो में
कट जाए ना
कल परसो में बात नहीं बनती
कल परसो में बात नहीं बनती
बनती है जा के बरसों में
कल परसो में

तेरे पाँव में नहीं घुँघरू
तेरे पाँव में नहीं घुँघरू
होती है छाम-छम कैसे
तेरे पाँव में
ये तो राज़ की बातें है
ये तो राज़ की बातें है
बता दे तुझे हम कैसे
ये तो राज़

तेरी ज़ुल्फ़ जो बिखरी तो
तेरी ज़ुल्फ़ जो बिखरी तो लेके
बिन सपेरे आ गए तेरी ज़ुल्फ़ जो

मेरी ज़ुल्फ़ है नागिन तो
मेरी ज़ुल्फ़ है नागिन तो
बुरे दिन बस तेरे आ गए
मेरी ज़ुल्फ़ है

चल चलिए नि मुटियारें
बैसाखी वाले मेले में
चल चलिए नई
मेले का तो बहाना है
मेले का तो बहाना है
तू मुझे छेड़ेगा अकेले में
मेले का तो बहाना है
तू मुझे छेड़ेगा अकेले में.