नज़र फेरो ना हमसे हम हैं तुम पर मारने वालों में - The Indic Lyrics Database

नज़र फेरो ना हमसे हम हैं तुम पर मारने वालों में

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - शमशाद बेगम, जी.एम. दुर्रानी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दीदार | वर्ष - 1951

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जी : नज़र फेरो न हमसे
हम हैं तुम पर
मरने वालों मेंनज़र फेरो न हमसे -२
हम हैं तुम पर
मरने वालों में
हमारा नाम भी लिख लो
मोहब्बत करने वालों में -२श : ( जहाँ नज़रें मिलीं
बोले के हम हैं मरने वालों में ) -२
बनावट ही बनावट है
मोहब्बत करने वालों में -२जी : ओ
तुम्हारी शोख़ियों को दिल मेरा
नाकाम कर देगा
आं
सुना कर प्यार के नगमें
तुम्हें बदनाम कर देगा
हाँ
अजी ये दिल नहीं छिप-छिप के
आहें भरने वालों में
हमारा नाम भी लिख लो
मोहब्बत करने वालों में -२श : वही दिल है जो इस दुनिया में
अपना नाम कर जाये
मुहब्बत क्या करेगा वो
जो बदनामी से डर जाये
हाँ
नहीं हम आपकी इन धमकियों से
डरने वालों में
बनावट ही बनावट है
मोहब्बत करने वालों में -२