देखोजी बहार आई, बाग़ों में खिली कलियां - The Indic Lyrics Database

देखोजी बहार आई, बाग़ों में खिली कलियां

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - आज़ाद | वर्ष - 1955

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देखोजी बहार आई, बाग़ों में खिली कलियां )-2
आना है तो आजाओ, सूनी हैं मेरी गलियां
देखो जी बहार आई, बाग़ों में खिली कलियां

दुनिया से जो डरते हो
ख्वाबों में चले आओ-2
दो बोल मुहब्बत के
तनहाई में कह जाओ-2
आजाओ मना लेंगे, सपनों में रंग-रलियां
आना है तो आजाओ, सूनी है मेरी गलियां
देखो जी बहार आई, बाग़ों में खिली कलियां

हम दिल से तुम्हारे हैं
ये कह भी नहीं सकते-2
और तुम से जुदा हो कर
हम रह भी नहीं सकते-2
तुम बिन आशाओं की, कैसे खिली कलियां
आन हैं तो आजाओ, सूनी हैं मेरी गलियां
देखो जी बहार आई, बाग़ों में खिली कलियां $