हो ओ ओ मोरी बाली उमरिया - The Indic Lyrics Database

हो ओ ओ मोरी बाली उमरिया

गीतकार - नक्षबी | गायक - ज़ोहरा बाई | संगीत - राशिद अत्रे | फ़िल्म - नतीजा | वर्ष - 1947

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इक दिल के टुकड़े हज़ार हुए

इक दिल के टुकड़े हज़ार हुए

कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा

बहते हुए आँसू रुक न सके

कोई यहाँ गिरा

जीवन के सफ़र में हम जिनको समझे थे हमारे साथी हैं

दो क़दम चले फिर बिछड़ गए

कोई यहाँ गिरा

आशाओं के तिनके चुनचुन कर सपनों का महल बनाया था

तूफ़ान से तिनके बिखर गए

कोई यहाँ गिरा