पागल सुन जरा इताना सवाल है झुम उथा जो दिल तो - The Indic Lyrics Database

पागल सुन जरा इताना सवाल है झुम उथा जो दिल तो

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - साधना सरगम, मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - सौदागर | वर्ष - 1991

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पागल पागल पागल पागल
सुन ज़रा सुन ज़रा इतना सवाल है पागल पागल
हमको तो बता दे आज तेरा जो हाल है पागल पागल
हे सुन ज़रा झूम उठा जो दिल तो हो गया मैं पागल पागल
मिल गई जो मंज़िल तो हो गया मैं पागल पागल
हरपल बरसती है एक मस्ती
दिल में है जैसे कोई हलचल
पागल पागल पागल पागल हे
झूम उठा जो जिसे अपनाने को ये दिल बेताब था
दिल बेताब था जीना एक अज़ाब था
कल वो जो आरज़ू था कल वो जो ख़्वाब था
कल वो जो ख़्वाब था कैसा लाजवाब था
वो मिल गया है तो ग़म भी क्या है
दिल में है जैसे कोई हलचल
झूम उठा जो कैसे मैं बताऊं मेरी कैसी मनमीत है
कैसी मनमीत है कैसी मेरी प्रीत है
मेरी धड़कनों का मेरी साँसों का वो गीत है
दीवाने दोस्तों की हे दुआएं आज लेले हे
हो तेरे रास्तों में हे लगें फूलों के मेले हे
न कोई उलझनें हों हे न हों कोई झमेले हे
तू अपना प्यार पाके हे सदा ख़ुशियों में खेले
इतनी दुआ दो के अब जो भी हो
हाथों से छूटे ना ये आँचल
झूम उठा जो