देखो जाता है कोई ग़म का सहारा लेकर - The Indic Lyrics Database

देखो जाता है कोई ग़म का सहारा लेकर

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - रफी | संगीत - हुस्नलाल -भगतराम | फ़िल्म - अदल-ए-जहांगीर | वर्ष - 1955

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देखो जाता है कोई ग़म का सहारा लेकर
अपने कंधों पे मोहब्बत का जनाज़ा लेकर

अपना ही घर लुटाने दीवाना जा रहा है
खुद शमा को बुझाने परवाना जा रहा है
अपना ही घर लुटाने ...

ये नज़ारा देखो ओ प्यार करने वालों
एक आँसुओं में डूबा अफ़साना जा रहा है
अपना ही घर लुटाने ...

ख़ामोश है मोहब्बत फ़रियाद रो रही है
अपना ही आज बनकर बेगाना जा रहा है
अपना ही घर लुटाने ...$