हो चाँद चमका - The Indic Lyrics Database

हो चाँद चमका

गीतकार - पंडित माधुरी | गायक - शमशाद | संगीत - ग़ुलाम हैदर | फ़िल्म - हुमायूं | वर्ष - 1945

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इक बार तू बन जा मेरा ओ परदेसी

इक बार तू बन जा मेरा ओ परदेसी

फिर देख मज़ा

मिल जाये मुझे दिल तेरा ओ परदेसी

फिर देख मज़ा

झिनकत झिनकत झिंगिलला

झिंगिलला

होय ओय होय ओय

जेठ का महीना हो भीगीभीगी रात हो

बाजरे के खेत में पहली मुलाक़ात हो

हाय पहली मुलाक़ात हो

होय ओय होय ओय

आये जब बेसाख पिया मेले के नज़ारे हों

हाथ में हाँ हाथ तेरा आँखों में इशारे हों

जी आँखों में इशारे हों

फिर देख मज़ा

झिनकत झिनकत झिंगिलला

झिंगिलला

होय ओय होय ओय

जेठ और अशाड़ में नदी का किनारा हो

पिया तेरी आँखों में प्यार का इशारा हो

हाय प्यार का इशारा हो

होय ओय होय ओय

हो सावन में झूलाऊँ झूला आँगन हो गुलज़ार का

घरघर में फिर चर्चा हो जी तेरेमेरे प्यार का

हाय तेरेमेरे प्यार का

फिर देख मज़ा

झिनकत झिनकत झिंगिलला

झिंगिलला

होय ओय होय ओय

भादो की बरसात में, दिल न रहे हाथ में

आयें जब पूस पिया हवा सर्दसर्द हो

तेरेमेरे दिलों में फिर मीठामीठा दर्द हो

हाय मीठामीठा दर्द हो

फिर देख मज़ा

इक बार तू बन जा मेरा ओ परदेसी

फिर देख मज़ा

झिनकत झिनकत झिंगिलला

झिंगिलला

होय ओय होय ओय

कातक का महीना हो, पास न तेरे आऊँ मैं

रामा मोहे डर लागे सिमटीसिमटी जाऊँ मैं

आघन की अंधेरी रातें करती हों जब साँसाँ

रहरह कर तुम मुझे बुलावो, कहती जाऊँ ना ना

मैं कहती जाऊँ ना ना

फिर देख मज़ा

झिनकत झिनकत झिंगिलला

झिंगिलला

होय ओय होय ओय

ओय

पोस का महीना हो, मिल लूँ तेरे बाप से

तेरामेरा प्यार है कह दूँ तेरे बाप से

मैं कह दूँ तेरे बाप से

होय ओय होय ओय

माघ में तैयारी पिया, फागुन में

फागुन में

फागुन में

मैं कैसे कहूँ

फागुन में सिगाई हो

तेरा दिल करता हो यूँयूँ, आँख मेरी शरमाई हो

जी आँख मेरी शरमाई हो

फिर देख मज़ा

इक बार तू बन जा मेरा ओ परदेसी

फिर देख मज़ा