जान मेरी जान ए जान संग संग चलें कहीं - The Indic Lyrics Database

जान मेरी जान ए जान संग संग चलें कहीं

गीतकार - महबूब | गायक - सहगान, हेमा सरदेसाई | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - तक्षक | वर्ष - 1999

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जाँ मेरी जान-ए-जाना संग-संग चलें कहींहाथों में हाथ तुम मेरे साथ रुकें ना हम कहींटिमटिमटिमाते तारे मिल के देते हैं रोशनीजगमग जगमग जगमग जुग्नू चमकायें रात हसींटिम टिम टिम टिम टिम टिम तारे दें रोशनीजगमगजग जगमगजग जुग्नू से रात हसींतो झिलमिलायें उस तरह टिमटिमायें उस तरहहम-तुम भी मिल के क्यूँ ना जगमगायें ज़िंदगीतिनके जुड़ें तो बनता है आशियानाबूँदें भरे हैं सागर क पैमानाबस उसी तरह से बस उसी तरह से अपने दिल मिलेंतो मौसम हो जाये आशिक़ानाअपने होंठों पे है हरदम मीठा-मीठा एक तरानायारो अपना दिल बड़ा है शायराना शायरानाहमें पता है एक आग है उधर भीपहुँची है जिसकी आँच तो इधर भीहमको पता है एक आग है उधर भी
पहुँची है जिसकी आँच तो इधर भीआसरा जले हम आसरा जले दोनों के इश्क़ मिलेंतो रोशन हो जाये ये जहाँ भीशोला-शोला भड़के ज़राज़र्रा-ज़र्रा चमके ज़राजिया-जिया सुलगे ज़रारोआँ रोआँ दमके ज़रा