राह बनी खुद मंजिल, पीछे रह गई मुश्किल - The Indic Lyrics Database

राह बनी खुद मंजिल, पीछे रह गई मुश्किल

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - Köhra | वर्ष - 1964

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राह बनी खुद मंज़िल
पीछे रह गई मुश्किल, साथ जो आये तुम
देखो फूल बन के सारी धरती खिल पड़ी
गुज़रे आरज़ू के रास्तों से जिस घड़ी, जिस्म चुराये तुम
झरना कह रहा है मेरे दिल की दास्तान
मेरी प्यास लेकर छा रही हैं मस्तियाँ, जीन में नहाये तुम
पंछी उड़ गये सब गा के नग़्मा यार का
लेकिन दिल ने ऐसा जाल फेंका प्यार का, उड़ने ना पाये तुम