मस्ती भरा है समा - The Indic Lyrics Database

मस्ती भरा है समा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता - मन्ना डे | संगीत - दत्ताराम | फ़िल्म - परवरीश | वर्ष - 1958

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मस्ती भरा है समा, हम तुम है दोनो यहाँ
आँखों में आ जा, दिल में समा जा, झूमें ज़मीं आसमाँ
नीली आँख मिला लो जी, दिल में आज छुपा लो जी
बाहों में बाहें डालो जी, गिर न जाये संभालो जी
भीगी हवाओं में, ऐसी फिजाओं में होश मुझे है कहाँ
प्यार से प्यार सजाए चल, मन की प्यास बुझाए चल
प्यार का राग सुनाए चल, दिल का साज़ बजाए चल
पंछी भी गायेंगे, सब को सुनायेंगे, तेरी मेरी दासतां