कहीं दिल लगाने का सामान कर ले - The Indic Lyrics Database

कहीं दिल लगाने का सामान कर ले

गीतकार - सरशर सैलानी | गायक - राजकुमारी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - रागरंग | वर्ष - 1952

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कहीं दिल लगाने का सामान कर ले
सामान कर ले
वो मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
आसान कर ले
कहीं दिल...मुरादों के दिन हैं मुरादों के दिन हैं ये
उमँगों की रातें उमँगों की रातें
ये बातें नहीं हैं मुंह से
बातें नहीं हैं मुंह से
कहने की बातें कहने की बातें
निगाहों निगाहों में पहचान कर ले
निगाहों निगाहों में पहचान कर ले
मँज़िल की मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
आसान कर ले
कहीं दिल...वही ज़िँदगी है जो वही ज़िँदगी है जो
खुशियों से खेले खुशियों से खेले
मुश्क़िल है दुनिया में
मुश्क़िल है दुनिया में जीना अकेले
जीना अकेले
किसीकी तमन्ना को महमान कर ले
किसीकी तमन्ना को महमान कर ले
मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
हो आसान कर ले
कहीं दिल...