किसी तराह से मुहब्बत पुरुषों श्रृंखला पा ना साके - The Indic Lyrics Database

किसी तराह से मुहब्बत पुरुषों श्रृंखला पा ना साके

गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - नूरजहां | संगीत - के दत्ता | फ़िल्म - बड़ी माँ | वर्ष - 1945

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किसी तरह से मुहब्बत में चैन पा न सके
लगी वो आग है सीने में जो बुझा न सकेज़ुबान चुप रही मेरी तो आँसू बोल उठे
छुपाई लाख मुहोब्बत मगर छुपा न सकेन जाने किस की है तसवीर आँसू आँसू में
के अपनी आँख से आँसू भी हम गिरा न सकेतबाही पूछ न दिल की तू हम से ऐ दुनिया
कुछ ऐसी उजड़ी है बस्ती के हम बसा न सके
किसी तरह से मुहोब्बत में चैन पा न सके