मुहब्बत की हम चोट खाए हुए हैं - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत की हम चोट खाए हुए हैं

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - तलत महमूद | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - फरमाइश | वर्ष - 1953

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मुहब्बत की हम चोट खाए हुए हैं
किसी बेवफ़ा के सताए हुए हैं
उधर तेरे आँसू इधर मेरे आँसू
भुलाए हुए हैं ये आए हुए हैं
हमारे लिए ज़िंदगी एक आँसू
किसी की नज़र से गिराए हुए हैं