देख लिया मैने क़िसमत का तमाशा देख लिया - The Indic Lyrics Database

देख लिया मैने क़िसमत का तमाशा देख लिया

गीतकार - शकील | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दीदार | वर्ष - 1951

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देख लिया मैने
क़िसमत का तमाशा देख लिया
इक आग़ बुझी
इक आग़ लगी
आँखों ने मेरी क्या देख लिया

ल: देख लिया मैने
साजन तेरा वादा देख लिया
रसते पे हूँ मैं
मंज़िल पे है तू
ये प्यार का नाता देख लिया
देख लिया मैने

र: आया मैं किसी की महफ़िल में
महफ़िल में
तूफ़ान लिये लाखों दिल में
मिलकर भी रहा मैं मुश्किल में
मिलने का नतीजा देख लिया
इक आग़ बुझी
इक आग़ लगी
आँखों ने मेरी क्या देख लिया
देख लिया मैने

ल: छुपते ही तेरे ओ चाँद मेरे
ओ चाँद मेरे
सूरज भी न निकला आँगन में
फिर ग़म की अँधेरी रात हुई
दो दिन का उजाला देख लिया
रसते पे हूँ मैं
मंज़िल पे है तू
ये प्यार का नाता देख लिया
देख लिया मैने
देख लिया मैने
साजन तेरा वादा देख लिया
र: देख लिया मैने
क़िसमत का तमाशा देख लिया$