मेरे इश्क में लाखोन लताके - The Indic Lyrics Database

मेरे इश्क में लाखोन लताके

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोंसले | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - मौसम | वर्ष - 1975

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मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२
हो मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२
हाय हाय हाय
मारुँगी आँख तो नील पड़ जायेगा
मैं मारुँगी आँख तो नील पड़ जायेगा
बलम ज़रा
बलम ज़रा हट के हट के हट के
मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२
हो मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२सुतली से पतली है मोरी कमरिया
हय राम
सुतली से पतली है मोरी कमरिया
कमरिया से बाँधी है मैने गगरिया
गगरिया ना छलके
ज़रा हट के हट के हट केमेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२
हो मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२सौकीन कहते हैं छप्पन-छुरी है
सौकीन कहते हैं कहते हैं कहते हैं
( सौकीन कहते हैं छप्पन-छुरी है
दिल की तो अच्छी है आदत बुरी है ) -२
आदी न होना
ज़रा हट के हट के हट केमेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२
हो मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२बादामी रंग पे कुरती सराब की
हाय हाय
बादामी रंग पे कुरती सराब की
सैंयाँ ने देखो मेरी आदत ख़राब की
मोसे ना लगाना
ज़रा हट के हट के हट केमेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२
हय रे मारुँगी आँख तो नील पड़ जायेगा
मैं मारुँगी आँख तो नील पड़ जायेगा
बलम ज़रा
बलम ज़रा हट के हट के हट के
मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२
मेरे इश्क़ में लाखों लटके
बलम ज़रा हट के -२