क़रीब आओ ना तड़पाओ - The Indic Lyrics Database

क़रीब आओ ना तड़पाओ

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - गीता दत्त | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - प्रेम विवाह | वर्ष - 1959

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( क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में ) -२
क़रीब आओग़म-ए-फ़ुरक़त से हमें फ़ुरसत है
मेरी क़िस्मत है के आये तुम
कुछ भी न लाये तो भी क्या ग़म है
यही क्या कम है के आये तुम -२क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में
क़रीब आओझूमेगा ज़माना मेरी छम छम पे
आज मौसम पे जवानी है
तेरी चाहत में हाय तू न जाने
मैंने मिट जाने की ठानी है -२क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में
क़रीब आओमेरी आँखों से दिल झाँकता है
और पूछता है इशारों से
बड़े बेरहम हो ज़रा मुस्कराओ
ज़मीं पे तो आओ सितारों से( क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में ) -२
क़रीब आओ