चूड़ियां बजाउं की बजाऊं कंगना - The Indic Lyrics Database

चूड़ियां बजाउं की बजाऊं कंगना

गीतकार - समीर | गायक - अभिजीत, पूर्णिमा | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - मुकद्दर | वर्ष - 1996

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चूड़ियां बजाऊं कि बजाऊं कंगना
बोल तुझे कैसे मैं जगाऊं सजना
अंग अंग बहके तन मेरा महके मन मेरा बहके
कैसे ये जलन मैं बुझाऊं सजना
चूड़ियां बजाऊं ...रैना है हाँ मिलने की हाँ फूलों के खिलने की
अब कैसी हाँ दूरी है काहे की मजबूरी है
खोल आँखें देख साजन मेरे जीवन को
चुनरी ज़रा सी ढलकाऊं सजना
बोल तुझे कैसे मैं ...यूं ना जा हाँ शरमा के हाँ शोलों को भड़का के
प्यारी सी हाँ पप्पी ले हाँ ऐसे न झप्पी ले
चैन आए जान-ए-जानां मेरी धड़कन को
कुंडी दरवाजे की लगाऊं सजना
अंग अंग बहके ...