तन मन मेरा तरसे क्यों तरसे - The Indic Lyrics Database

तन मन मेरा तरसे क्यों तरसे

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - गीता दत्त | संगीत - घंतसाला | फ़िल्म - पाताल भैरवी | वर्ष - 1952

View in Roman

(तन मन मेरा तरसे, क्यूँ तरसे)-२
किसने प्रीत के गीत सुनाये
सपने आज सुंदर आये
तन मन मेरा तरसे, क्यूँ तरसे(डोले प्यार रस ? सागर में, बाजे तार बीना के)-२
अरमानों ने क्यूँ ? से छुप छुप नैं मिलाये
तन मन मेरा तरसे, क्यूँ तरसे(चंदा संग रजनी सजनी घूँघट खोल खेल रहे)-२
तारे सारे खिल खिल प्यारे, रंग जमाने आये
तन मन मेरा तरसे, क्यूँ तरसे
किसने प्रीत के गीत सुनाये
सपने आज सुंदर आये
(तन मन मेरा तरसे, क्यूँ तरसे)-२