मुहब्बत के झूठे सहारों ने लूटा - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत के झूठे सहारों ने लूटा

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत | संगीत - रोशन | फ़िल्म - संस्कार | वर्ष - 1952

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मुहब्बत के झूठे सहारों ने लूटा
चमन को चमन की बहारों ने लूटा
मुहब्बत के झूठे
चराग़ आँधियों में जलायें तो कैसे (जलायें तो कैसे)
हमारी नज़र को नज़ारों ने लूटा
चमन को चमन की बहारों ने लूटा
वो झूठी क़सम वो वफ़ाओं के वादे - (वफ़ाओं के वादे)
हमें मंज़िलों के इशारों ने लूटा
हमें मंज़िलों के इशारों ने लूटा
मुक़द्दर से कोई शिकायत करें क्या (शिकायत करें क्या)
हमें जगमगाते सितारों ने लूटा
चमन को चमन की बहारों ने लूटा
मुहब्बत के झूठे सहारों