दिल का सुना साज़ तराना धुंधेगा: - The Indic Lyrics Database

दिल का सुना साज़ तराना धुंधेगा:

गीतकार - असद भोपाली | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - गणेश | फ़िल्म - एक नारी दो रूप | वर्ष - 1973

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दिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगा -२
तीर-ए-निगाह-ए-नाज़ निशाना ढूँढेगा
मुझको मेरे बाद ज़माना ढूँढेगादिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगा
तीर-ए-निगाह-ए-नाज़ निशाना ढूँढेगा
अरे मुझको मेरे बाद ज़माना ढूँढेगा
दिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगालोग मेरे ख़ाबों को चुराके ढालेंगे अफ़सानों में
मेरे दिल की आग बंटेगी दुनिया के परवानों में
वक़्त मेरे गीतों का ख़ज़ाना ढूँढेगादिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगा
तीर-ए-निगाह-ए-नाज़ निशाना ढूँढेगाओ
आस का सूरज साथ रहेगा जब साँसों की राहों में
ग़म के अंधेरे छट जायेंगे मंज़िल होगी बाँहों में
प्यार धड़कते दिल का ठिकाना ढूँढेगादिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगा
तीर-ए-निगाह-ए-नाज़ निशाना ढूँढेगा