मैं रे काहे प्रीति - The Indic Lyrics Database

मैं रे काहे प्रीति

गीतकार - एम जी हशमत | गायक - सुलक्षणा पंडित | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - संकोच | वर्ष - 1976

View in Roman

(बाँधी रे काहे प्रीत
पिया के संग अन्जानी रीत) -२
बाली उमर में मैं ना समझी -२
क्या है प्रीत की रीत
बाँधी रे काहे (प्रीत) -२
पिया के संग अन्जानी रीतपास रही तो मैं ना समझी
दूर हुई तो जाना
प्यार में कैसे अपना बन के
कोई बने बेगाना
कैसे बीतेगा अब जीवन -२
बिन साथी बिन मीत
बाँधी रे काहे प्रीत
पिया के संग अन्जानी रीतअंग लगी है पेड़ की बेला
लहर को मिले किनारा
बिन साजन की मैं हूँ अकेली
मेरा कौन सहारा
ऐसा सूना लागे जीवन -२
जैसे सुर बिन गीत
बाँधी रे काहे (प्रीत) -२
पिया के संग अन्जानी रीत