जिंदगी से उलझ के सारा दिन - The Indic Lyrics Database

जिंदगी से उलझ के सारा दिन

गीतकार - जफर गोरखपुरी | गायक - पंकज उधास | संगीत - पंकज उधास | फ़िल्म - लम्हा (गैर-फिल्म) | वर्ष - 2001

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ज़िंदगी से उलझ के सारा दिन मैकशो ये भी काम कर लेना
यानि अपने लिए भी थोड़ा सा शाम का इंतज़ाम कर लेना
ज़िंदगी से उलझ के ...बस यही तो है एक दरवाज़ा बंद होते जिसे नहीं देखा
कू-ए-जानां में जब जगह ना मिले मैकदे में कयाम कर लेना
यानि अपने लिए ...ऐ हवा और क्या संदेसा दूं जब गुज़रना शराबखाने से
मेरी जानिब से एक पल रुक कर मैकशों को सलाम कर लेना
यानि अपने लिए ...सच तो ये है के इश्क़ की यारों कोई तहज़ीब ही नहीं होती
किसी बस्ती में काट लेना दिन किसी कूचे में शाम कर लेना
यानि अपने लिए ...