दुल्हन कुबसूरत है अभी गयारा नहीं बजे हैं - The Indic Lyrics Database

दुल्हन कुबसूरत है अभी गयारा नहीं बजे हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - फंदेबाज़ | वर्ष - 1978

View in Roman

दुल्हन ख़ूबसूरत है
कितना हसीं महूरत है
सेहरे की ज़रूरत है
दूल्हा मुझे बनाओ यारो आओ लेकिन पहले ठहरो
अभी ग्यारह नहीं बजे हैं -२एक बुज़ुर्ग ने कहा था बेटा जीना चाहे मरना
ग्यारह बजने से पहले कोई अच्छा काम न करना
अँगूठी पहनाओ पहनाओ जी पहनाओ
यारो आओ लेकिन पहले ...एक दो तीन चार पाँच छः साथ आठ नौ दस ग्यारह
एक और एक ग्यारहग्यारह के नम्बर में देखे होते हैं दो इक्के
एक हूँ मैं एक है तू
यारो आओ लेकिन पहले ...आ मिल जाएँ दोनों दिल दे के
मंडप में ले जाओ जी -२
यारो आओ लेकिन पहले ...वक़्त से पहले चले जो मंज़िल से निकले वो आगे
वक़्त के बाद जो निकले समझो सुबह देर से जागे
घड़ी से घड़ी मिलाओ जी -२
यारो आओ लेकिन पहले ...