रिमझिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन - The Indic Lyrics Database

रिमझिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन

गीतकार - योगेश | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - मंज़िल | वर्ष - 1979

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रिमझिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन
जब घूंगरूओं सी बजती हैं बूंदे
अरमा हमारे पलकें ना मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
महफ़िल में कैसे कह दे किसी से
दिल बंध रहा है किसी अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन