दे भी चुके हम दिल नज़राना दिल का - The Indic Lyrics Database

दे भी चुके हम दिल नज़राना दिल का

गीतकार - साहिर | गायक - किशोर, गीता | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - जाल | वर्ष - 1952

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दे भी चुके हम दिल नज़राना दिल का) 2
अरे, छोड़ो भी
(छोड़ो भी ये राग पुराना दिल का) 2

(एक नज़र में हार चुके हैं दिल को) 2
तेरी अदा पे वार चुके हैं दिल को
अजी मुश्किल है अब लौट के आना दिल का
जा जा जा
छोड़ो भी ये राग पुराना दिल का

(मुंह धो ले ओ जाल बिछाने वाले) 2
हम नहीं इन बातों में आने वाले
खेल है ये जाना पह्चाना दिल का
अरे, दे भी चुके हम दिल नज़राना ...
... दिल का

(छीन के दिल आशिक़ का मुकरने वाले) 2
अरे, मर जाएंगे तुझ पर मरने वाले
हाय, छोड़ भी दे ज़ालिम तड़पाना दिल का
जा जा
छोड़ो भी ये राग पुराना दिल का

(डाली डाली फिरते हैं हरजाई) 2
लोभी भँवरों ने कब प्रीत निभाई
यूँ ही सब करते हैं बहाना दिल का
हाए, दे भी चुके हम दिल नज़राना दिल का
यूँ ही सब करते हैं बहाना दिल का
खेल है ये जाना पह्चाना दिल का
छोड़ो भी ये राग पुराना दिल का$