लगी आज सावन की फिर वो झड़ी हैं - The Indic Lyrics Database

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - सुरेश वाडकर, अनुपमा देशपांडे | संगीत - शिव-हरि | फ़िल्म - चांदनी | वर्ष - 1989

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लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है -२
फिर वो झड़ी है
वही आग फिर सीने में जल पड़ी है
लगी आज सावन की ...कुछ ऐसे ही दिन थे वो जब हम मिले थे
चमन में नहीं फूल दिल में खिले थे
वही तो है मौसम मगर रुत नहीं वो
मेरे साथ बरसात भी रो पड़ी है
लगी आज सावन की ...कोई काश दिल पे बस हाथ रख दे
मेरे दिल के टुकड़ों को एक साथ रख दे
मगर यह हैं ख्वाबों ख्यालों की बातें
कभी टूट कर चीज़ कोई जुड़ी है
लगी आज सावन की ...