रिमझिम रिमझिम, रुमझुम रुमझुम - The Indic Lyrics Database

रिमझिम रिमझिम, रुमझुम रुमझुम

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कविता कृष्णमुर्ती - कुमार सानू | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - 1942 ए लव स्टोरी | वर्ष - 1994

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रिमझिम रिमझिम, रुमझुम रुमझुम
भीगी भीगी रुत में, तुम हम, हम तुम
चलते हैं, चलते हैं
बजता है जलतरंग, टीन की छत पे जब मोतीयो जैसा जल बरसे
बूंदो की ये लड़ी लाई है वो घड़ी, जिसके लिए हम तरसे
बादल की चादरे ओढ़े हैं वादीयाँ, सारी दिशाएँ सोई हैं
सपनों की गाँव में, भीगी सी छाँव में, दो आत्माए खोई हैं
आयी हैं देखने झीलों के आईने, बालों को खोले घटाएं
राहे धुआँ धुआँ, जायेंगे हम कहाँ, आओ यहीं पे रह जाए