प्यार तो सपना है, दर्द ही अपना है - The Indic Lyrics Database

प्यार तो सपना है, दर्द ही अपना है

गीतकार - निदा फाजली | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - स्वीकर किया मैंने | वर्ष - 1983

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प्यार तो सपना है, दर्द ही अपना है
नींद जहाँ खुलती है, ख्वाब पिघल जाते हैं
दर्द वो ही रहता है, नाम बदल जाते हैं
मुस्कुराना तो ग़म छुपाना है
हर ख़ुशी दूर का तराना है
होश की राह में, दिल ही दीवाना है
कोई रिश्ता न कोई बंधन है
हर हँसी आँसुओं की चिलमन है
फूल है दामन में, आँखों में सावन है
जो भी दिल के करीब आता है
ज़ख़्म बन के सदा सताता है
गीत जो गाता है, ग़म को बहलाता है