मंजिल वही है प्यार की राही बदल गए - The Indic Lyrics Database

मंजिल वही है प्यार की राही बदल गए

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - सुबीर सेन | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - कठपुतली | वर्ष - 1957

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मंज़िल वही है प्यार की राही बदल गए
सपनों की महफ़िल में हम-तुम नए
दुनिया की नज़रों से दूर, जाते हैं हम तुम जहाँ
उस देश की चाँदनी गाएगी ये दास्ताँ
मौसम था वो बहार का दिल थे मचल गए
छुप न सके मेरे राज़, नग़्मों में ढलने लगे
रोका था फिर भी ये दिल पहलू बदलने लगे
ये दिन ही कुछ अजीब थे, जो आज-कल गए