चांद अकेला जाये सखी रीय - The Indic Lyrics Database

चांद अकेला जाये सखी रीय

गीतकार - डॉ राही मासूम रज़ा | गायक - येसुदास | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - आलाप | वर्ष - 1977

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चाँद अकेला जाये सखी री
काहे अकेला जाये सखी री
मन मोरा घबराये री
सखी री, सखी री, ओ सखी री
चाँद अकेला ...वो बैरागी वो मनभावन
कब आयेगा मोरे आँगन
इतना तो बतलाये री
सखी री, सखी री, ओ सखी री
चाँद अकेला ...अंग अंग में होली दहके
मन में बेला चमेली महके
ये ऋत क्या कहलाये री
भाभी री, भाभी री, ओ भाभी री
चाँद अकेला ...