मैं हू अलादीन मेरे पास - The Indic Lyrics Database

मैं हू अलादीन मेरे पास

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, सी रामचंद्र | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सरगम | वर्ष - 1950

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चि: मैं हू अलादीन मेरे पास चिराग़-ए-चीन-२
छी पठख डम डम पकतर
अन्तर मन्तर जन्तर तन्तर
काम करन्तर नाम बनन्तर
छिह छूह छिह छूह छिह छूह हे
( मैं हू अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन
मेरे पास चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन )-२
एक दो तीन हेय

राजा बन जा रानी, आग बन जा पानी
रूप बदल जा, रंग बदल जा हुह
रूप बदल जा, रंग बदल जा हो हो हो हो
( मैं हू अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन
मेरे पास चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन )-२
एक दो तीन हेय

र: अलादीन, ऐ अलादीन
सुना बहुत है तेरा नाम, कर सकता है मेरा काम
चि: क्या है कमान
र: किसी के इश्क़ में हूँ पमाल-२
ऐ जादूगर ऐ औलिया
कुछ ऐसा दिखा कमाल-२
चि: क्या चाहता है
र: दुआ चाहता हूँ
मरीज़-ए-इश्क़ हूँ दवा चाहता हूँ
चि: छी पठख डम डम पकतर
अन्तर मन्तर जन्तर तन्तर
काम करन्तर नाम बनन्तर
छिह छूह छिह छूह छिह छूह हे
( मैं हू अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन
मेरे पास चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन )-२
एक दो तीन हेय

ऐ मरीज़-ए-इश्क़ यही है वो हूर
र: जी जी जी जी हुज़ूर

ल: समाज की है आग, जल रही हूँ मैं-२
दुनिया वाले देख कर रहें ज़ुल्म-ओ-सितम
दे रहे हैं ग़म पे ग़म
नौजवानी जाग, समाज की है आग

र: सुन लिया हुज़ूर
कुछ कीजिये करामात, मेरी ज़िंदगी है आपके हाथ

चि: ले ये चिराग़, फूल बन जायेगी आग
याद कर ले ये मन्तर
छी पठख डम डम पकतर
अन्तर मन्तर जन्तर तन्तर
काम करन्तर नाम बनन्तर
छिह छूह छिह छूह छिह छूह हे

र: ( मैं हू अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन
मेरे पास चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन )-२
एक दो तीन हेय

ल: अलादीन एक महल बना दे
बाग़ लगा दे फूल खिला दे
कलियों को तू हूर बना दे
शबनम को अंगूर बना दे
भौँरे झूम बजायें बीन
मौसम आ जाये रंगीन
र: ( मैं हू अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन अलादीन
मेरे पास चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन चिराग़-ए-चीन )-२
एक दो तीन हेय