मंज़िल की चाह में - The Indic Lyrics Database

मंज़िल की चाह में

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - देवदास | वर्ष - 1955

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राही ओ राही
मंज़िल की चाह में
राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते
दुःख के भी रास्ते
कहीं घनी छाँव है
कहीं कड़ी धूप है
ये भी एक रूप है
वो भी एक रूप है
कई यहाँ खोएँगे
कई यहाँ पाएँगे
कई अभी जाएँगे
कई अभी आएँगे
मंज़िल की चाह में
राही के वास्ते
सुख के भी रास्ते
दुःख के भी रास्ते