दर्द-ए-जिगर ठहर ज़रा - The Indic Lyrics Database

दर्द-ए-जिगर ठहर ज़रा

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - औरत | वर्ष - 1953

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दर्द-ए-जिगर ठहर ज़रा-2
दम तो मुझे लेने दे-2
जिसने मिटाया है मुझे
उसको दुआ देने दे-2
दर्द-ए-जिगर ठहर ज़रा

दिल की लगी क्या है जान लूँ तो बहूत अच्छा हो
मैं जो घुट-घुट के जान दूँ तो बहूत अच्छा हो-2
कल जहाँ बसाया था-2
आज मिटा लेने दे-2
दर्द-ए-जिगर ठहर ज़रा

मेरी बरबाद मोहब्बत
ना कर किसी से गिला-2
वफ़ा का इस जहाँ में है तो बस यही है सिला-2
हो यही है सिला
ऐ मेरी लगी तू मुझे-2
अपनी सज़ा लेने दे-2
दर्द-ए-जिगर ठहर ज़रा

बुत ना जगे मेरी मायूस सदा लौट आई
लिपट के मुझसे रो रही है मेरी तनहाई-2
कब तलक़ जले ये शमा-2
अब तो बुझा लेने दे-2
दर्द-ए-जिगर ठहर ज़रा-2$