मुहब्बत की कुशी कभी कामोश हो जाना - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत की कुशी कभी कामोश हो जाना

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - पतंग | वर्ष - 1949

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मुहब्बत की ख़ुशी दो दिन की होऽऽ ग़म ज़िन्दगी भर केऽऽ
ये जीना कोई जीना हैऽऽऽ जिये जाते हैं मर मर के( कभी ख़ामोश हो जाना कभी फ़रियाद कर लेना
मगर उस बेवफ़ा को चुपके चुपके याद कर लेना
हो छुपकर याद कर लेना ) -२जुदाई में किसी की दो ही बातें अच्छी लगती हैं -२
मिली रोने से जब फ़ुर्सत -२ तो उनको याद कर लेना
हो छुपकर याद कर लेना
कभी ख़ामोश हो जाना ...मेरे बिछड़े हुए साथी मुझे बरबाद रहने दे -२
तू अपने प्यार की दुनिया -२
कहीं आबाद कर लेना -२
कभी ख़ामोश हो जाना ...