ना कोई उमंग है ना कोई तरंग है - The Indic Lyrics Database

ना कोई उमंग है ना कोई तरंग है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - कटि पतंग | वर्ष - 1970

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न कोई उमंग है, न कोई तरंग है
मेरी ज़िंदगी है क्या, इक कटी पतंग हैआकाश से गिरी मैं, इक बार कट के ऐसे
दुनिया ने फिर न पूछा, लूटा है मुझको कैसे
न किसी का साथ है, न किसी का संग
मेरी ज़िंदगी है क्या, इक कटी पतंग हैलग के गले से अपने, बाबुल के मैं न रो सकी
डोली उठी यूँ जैसे, अर्थी उठी हो किसी कि
यही दुख तो आज भी मेरा अंग संग है
मेरी ज़िंदगी है क्या, इक कटी पतंग हैसपनों के देवता क्या, तुझको करूँ मैं अर्पण
पतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पन
यही मेरा रूप है यही मेरा रँग है
मेरी ज़िंदगी है क्या, इक कटी पतंग है