मेरा हुस्न लुताने आया अलबेला - The Indic Lyrics Database

मेरा हुस्न लुताने आया अलबेला

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - कोरस, जोहराबाई अंबलेवाली, टी ए मोती | संगीत - डी पार्थसारथी | फ़िल्म - चंद्रलेखा | वर्ष - 1948

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ज़ो : मेरा हुस्न लूटने आया
मेरा हुस्न लूटने आया अलबेला
मेरा हुस्न लूटने आया -२
के घायल हो गई रे उई -२
के ऊई लम्बी मुँछ वाले आ मतवाले -२
के मुँछ पे नचाऊँ निम्बुआ उई -२
उई
मेरा हुस्न लूटने आया
मेरा हुस्न लूटने आया अलबेला
मेरा हुस्न लूटने आयामैं बनूँगी उसी की लुगाई -२
होगा छप्पन गाँवों का जो राजा -२
गोरे मुखड़े से घूँघट हटा के -२
लम्बे (?) के दिल को लुटा के
धीरे-धीरे कहूँगी आजा आजा -२उई
मेरा हुस्न लूटने आया
मेरा हुस्न लूटने आया अलबेला
मेरा हुस्न लूटने आयामो : ओ मैं राजा रूपनगर का
और तू मेरी पटरानी
ओ मैं राजा चन्द्रशहर का
और तू मेरी महारानीज़ो : दो-दो राजा भरे यहाँ पानी -२
मेरी रूठी है इनसे जवानी
हाय मेरी रूठी है इनसे जवानी
मो : जवानी मेरी रूठी है इनसे जवानी -२
जवानी मेरी रूठी -३
जवानी मेरी रूठी है इनसे जवानी
हाय
मेरा हुस्न लूटने आया -२