कुच्छी कुच्ची गोरी जो माताके बालों को झटके - The Indic Lyrics Database

कुच्छी कुच्ची गोरी जो माताके बालों को झटके

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - रक्षक | वर्ष - 1996

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कुच्ची कुच्ची
गोरी जो मटके बालों को झटके गालों से रस टपके
कंवारा मन भटके -२
गोरी जो मटके ...देखे पलट के बाहों में लटके तो राज़ी मन चटके
कंवारा मन भटके -२हूँ कुच्ची कुच्ची
आ हा हा
ओ हो हो
हाथों से खेलूंगा गुस्सा मैं ले लूंगा
आ मेरे पास मेरी जान चली आ
जाने दो जाने दो मौक़ा तो आने दे
जाने दे यार सोई प्यास न जगा
साथी के बिना तो बेकार है जवानी
देखो सब देखो ना छेड़ दिलबरजानी
दिलजानी -३
हूँ कुच्ची कुच्ची
गोरी जो मटके ...फूलों को मिलना है मिलना है मिलना है
आए बहार में भी जीत का मज़ा
मौसम मस्ताना है दिल भी दीवाना है
आ हा हा
छाया है आज तेरी प्रीत का नशा
जाऊं मैं आगे जो आँख शर्माए
रातों के मैं जागूं क़रार भी ना आए ना आए ना आए ना आए
कुच्ची कुच्ची
गोरी जो मटके ...