गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - पारुल घोष | संगीत - पन्नालाल घोष | फ़िल्म - बसंत | वर्ष - 1942
View in Romanउम्मीद उनसे क्या थी और कर वो क्या रहे हैं -२
खुद ही बना रहे थे खुद ही मिटा रहे हैं -२
उम्मीद उनसे क्या थीआये थे इश्क़ बन के
आये थे इश्क़ बन के अब रश्क बन गये वो
खुद ही हँसा रहे थे
खुद ही हँसा रहे थे खुद ही रुला रहे हैं -२
उम्मीद उनसे क्या थीये बेकसी का आलम ये बेबसी की दुनिया
दिल जल रहा है फिर भी
दिल जल रहा है फिर भी हम मुस्कुरा रहे हैं -२
उम्मीद उनसे क्या थीकिसकी सदा ये आई किसने मुझे पुकारा
कोई मुझे बता दे
कोई मुझे बता दे क्या वो बुला रहे हैं -३