ये वाही गीत है जिसको मैं धड़कन में बसाया है - The Indic Lyrics Database

ये वाही गीत है जिसको मैं धड़कन में बसाया है

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - मान जाइये | वर्ष - 1972

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ये वही गीत है, जिसको मैने, धड़कन में बसाया है
तेरे होंठों से इसको चुराकर, होंठों पे सजाया है
ये वही गीत है, ये वही गीत हैमैने ये गीत जब गुन-गुनाया,
सज गई है खयालों की महफ़िल
(प्यार के रंग आँखों में छाये,
मुस्कुराई उजालों की महफ़िल )-२
ये वो नग़मा है जो ज़िंदगी में, रोशनी बनके आया है
तेरे होंठों से इसको चुराकर ...मेरे दिल ने यही गीत गाकर, जब कभी तुझको आवाज़ दी है
फूल ज़ुल्फ़ों में अपनी सजाकर, तू मेरे सामने आ गई है-२
तुझे अक़्सर मेरी बेखुदी ने, सीने से लगाया है
तेरे होंठों से इसको चुराकर ...