जिनहेन करण था दिल आबाद अपना: - The Indic Lyrics Database

जिनहेन करण था दिल आबाद अपना:

गीतकार - शांति कुमार | गायक - नूरजहां | संगीत - शांति कुमार, रफीक गजनवी | फ़िल्म - नौकरी | वर्ष - 1943

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जिन्हें करना था दिल आबाद अपना
वो ही चलें आज बरबाद हो कर
जिन्हें थी तलाश मसर्रतों की
लौट चलें हैं आज नाशाद हो करआज हुस्न के रंगीं आशियाँ को
ज़ालिम इश्क़ ने लूटा सैयाद हो कर
एक सीने से लगा बरबादियों के
एक ख़ुश है आज आबाद हो करएक डोली में बैठी सुहाग लेकर
एक जाती है ज़ेर-ए-ज़मीं देखो
कमख़ाब के पहने लिबास इक ने
और एक है ख़ाक़नशीं देखोजिसकी लाश पे कोई ना रोये आ कर
यही है वो माह-ए-ज़बीं देखो
एक टहनी के दोनों हैं फूल लेकिन
एक मुरझाया है एक है ख़ून (?) देखो