रुके रुके से कदम रुक के बार बार चलें - The Indic Lyrics Database

रुके रुके से कदम रुक के बार बार चलें

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - मौसम | वर्ष - 1975

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रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले (२)
क़रार लेके तेरे दर से बेक़रार चले
रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले
रुके रुके से कदमसुबह ना आयी कई बार नींद से जागे (२)
कि एक रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले (२)
रुके रुके से कदमउठाये फिर दे के एहसान दिल का सीने पर (२)
ले तेरे कदमों पे ये कज़र् भी उतार चले (२)
क़रार लेके तेरे दर से बेक़रार चले
रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले
रुके रुके से कदम