तुम जो हुए मेरे हमसफर, रस्ते बदल गए - The Indic Lyrics Database

तुम जो हुए मेरे हमसफर, रस्ते बदल गए

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - गीता दत्त - रफी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - १२ ओ'क्लॉक | वर्ष - 1958

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तुम जो हुये मेरे हमसफ़र, रस्ते बदल गये
लाखों दिये मेरे प्यार की राहों में जल गये
आया मज़ा, लाया नशा, तेरे लबों की बहारों का रंग
मौसम जवां, साथी हसीं, उस पे नज़र के इशारों का रंग
जितने भी रंग थे सब तेरी आखों में ढल गये
क्या मंज़िलें क्या कारवाँ, बाहों में तेरी है सारा जहां
आ जान-ए-जां, चल दे वहाँ, मिलते जहाँ है ज़मीन आसमान
मंज़िल से भी कही दूर हम आज निकल गये